लेखनी प्रतियोगिता -25-Jun-2022
मेरा मन खुद के लिए सवाल करता है
अंदर दबी है जो ढेरों अनकही बातें
अंदर ही अंदर बवाल करता है
मैं हर परिस्थिति को समझ लेती हूं
बिना कहे बातों को आंखो से ही पढ़ लेती हूं
फिर क्यों मेरी आंखे कोई पढ़ नही पाता
मेरी अनकही बातें समझ नही पाता
क्या है मेरे दिल में क्या मेरी चाहत है
मिले मुझे जवाब उन सवालों के जिनसे मिले राहत है
मेरी चाहत है कि मुझे भी समझा जाए
जो जुबां से कह न पाऊं तो चेहरे से ही पढ़ पाए
इतना तो करोगे ना तुम मेरी बातें समझोगे ना।
#प्रतियोगिता
Abhinav ji
26-Jun-2022 08:51 AM
Nice👍
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Swati chourasia
26-Jun-2022 08:36 AM
बहुत खूब
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Raziya bano
25-Jun-2022 04:10 PM
Good
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